शुक्रवार को सरकार के डिजिटल इंडिया ( Digital India ) आत्मनिर्भर भारत इनोवेट ( Aatma Nirbhar Bharat Innovate ) चैलेंज के विजेताओं में से एक के रूप में चुना गया था।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) नवाचार चुनौती ( Innovation Challenge ) का उद्देश्य उन आठ श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऐप्स की पहचान करने में मदद करना था।
मार्च 2020 में लॉन्च हुई कू (koo) ने सोशल नेटवर्किंग ( Social Networking) श्रेणी में चुनौती जीत ली है।
कू (koo), जिसे गैर-अंग्रेज़ी (non-English) उपयोगकर्ताओं के लिए ट्विटर (Twitter) पर भारत का जवाब माना जाता है।
जो पहले से ही उपयोग के लिए उपलब्ध थे और उन्हें विश्व स्तर के मानकों (world-class standards) पर स्केल करने के लिए उपलब्ध थे। मार्च 2020 में लॉन्च हुई कू (koo) ने सोशल नेटवर्किंग (social networking) श्रेणी में चुनौती जीत ली है।
कू ( koo )
कू (koo) को अप्रमेय राधाकृष्ण (Aprameya Radhakrishna) और मयंक बिदवात्का (Mayank Bidawatka) द्वारा सह-स्थापित (co-founder) किया गया है।
माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म वर्तमान में हिंदी (Hindi), कन्नड़ (Kannada), तमिल (Tamil) और तेलुगु (Telugu) सहित चार भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है।
कू ( Koo ) उपयोगकर्ताओं को 1 मिनट के लघु ऑडियो या वीडियो (short audio or video) या पाठ के 400 अक्षरों (400 characters of text) के माध्यम से “अपने मन की बात” करने की अनुमति देता है।
आप लोगों को भी अनुसरण (follow) कर सकते हैं, 1-1 प्रत्यक्ष संदेश (direct messages) भेज सकते हैं और कू ( Koo ) पर हाइपर स्थानीय हैशटैग ( hyper local hashtags ) का उपयोग कर सकते हैं।
Koo app विशेष
यूनियन मिनिस्टर रवि शंकर प्रसाद (Union Minister Ravi Shankar Prasad), श्री सध्गुरु (Shri Sadhguru), अनिल कुंबले (Anil Kumble), जवागल श्रीनाथ (Javagal Shreenath), आशुतोष राणा (Ashutosh Rana) तथा आशीष विर्थीद्या (Ashish Vidyarthi) कू (KSrinoo) का उपयोग करते हुए कुछ प्रमुख व्यक्तित्व (prominent personalities) हैं।
“हमें उन ऐप की जीतने वाली सूची (winning list of apps) का हिस्सा बनने के लिए सम्मानित किया गया है, जिन्हें 6,940 प्रविष्टियों (entries) में से चुना गया है, जो आत्मनिर्भर ऐप चैलेंज (Aatma Nirbhar App Challenge) प्राप्त करती हैं।
मयंक बिदवात्का (Mayank Bidawatka), जो कू (Koo) के सह-संस्थापकों (co-founder) में से एक हैं, ने एक प्रेस बयान में कहा
“हमारी टीम और हमारे योगदानकर्ताओं (our contributors) को हमारी रचना के लिए पहचाने जाने पर गर्व का क्षण है। हम कू (koo) के जरिए एक अरब भारतीयों को आवाज़ देने के लिए उत्सुक हैं, ”
सरकार की Innovation Challenge के अनुसार, कू (koo) को सामाजिक श्रेणी (social category) में शीर्ष प्रविष्टि (top entry) के रूप में चुना गया था।
जिसमें निजी क्षेत्र (private sector) और अकादमिया के विशेषज्ञों के साथ चार मापदंडों के आधार पर अनिर्दिष्ट जूरी (unspecified jury) का उपयोग किया गया था, जिसमें उपयोग में आसानी, मजबूती (robustness), सुरक्षा सुविधाएँ (security features) और स्केलेबिलिटी (scalability) शामिल थी।
चुनौती जीतने से न केवल कू (koo) को उम्मीद कि दिशा और दृश्यता (visibility) मिलती है और, ऐप के निर्माता अपनी श्रेणी के भीतर 20 लाख रुपये के नकद इनाम के लिए भी पात्र होंगे।
Image Source: Financialexpress
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