
“देशभर में वाहनों की स्वतंत्र आवाजाही के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया कि आने वाले दो सालों में भारत को टोल नाका मुक्त बना दिया जाएगा।”
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने देशभर में वाहनों की स्वतंत्र आवाजाही के लिए बड़ा फैसला लिया है, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बताया कि आने वाले दो सालों में भारत को टोल नाका मुक्त (toll naka free) बना दिया जाएग। सरकार ने इसके लिए रूस सरकार की मदद से ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) को अंतिम रूप देने का फैसला लिया है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आने वाले दो सालों में वाहनों का टोल आपके लिंक्ड (linked) बैंक खाते से ही काटा जाएगा|
FASTag का उपयोग पिछले कुछ महीनों से काफी बढ़ा है। नवंबर में जारी किए गए NHAI के एक बयान के मुताबिक, फैस्टैग अब तक के कुल टोल कलेक्शन में लगभग तीन-चौथाई तक का योगदान देता है। वहीं, एक साल पहले कलेक्शन ₹ 70 करोड़ की तुलना में ₹ 92 करोड़ पर था |
GPS टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की टोल आय पांच साल में 1.34 ट्रिलियन तक बढ़ने की संभावना है । मंत्रीजी ने कहा, “कल सड़क परिवहन और राजमार्ग और अध्यक्ष, एनएचएआई की मौजूदगी में, टोल संग्रह के लिए जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करके एक प्रस्तुति दी गई थी, हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले पांच सालों में हमारी टोल आय 1,34,000 करोड़ रुपए होगी । “
पुराने वाहनों में भी लगाए जाएंगे GPS सिस्टम : इस समय देश के सभी कॉमर्शियल वाहनो में ट्रैंकिग सिस्टम नहीं हैं, वहीं सरकार सभी पुराने वाहनों में भी जीपीएस सिस्टम टेक्नोलॉजी लगाने के लिए तेजी से काम करेगी|
केंद्र सरकार सम्पूर्ण देश में वाहनों की स्वतंत्र आवाजाही बनाने के लिए यह खास कदम उठा रही है, पिछले एक साल में, केंद्र सरकार ने देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग को अनिवार्य कर दिया है, बता दे की फास्टैग की अनिवार्यता के बाद ईधन की खपत में कमी आई है । इसके अलावा प्रदूषण पर भी लगाम लगी है ।
इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन डिवाइस के उपयोग से कैशलैस लेनदेन को भी बढ़ावा मिला है। इसके साथ ही टोल संग्रह में पारदर्शिता भी देखने को मिली है।